जीवन चक्र
चित्र आधारित
क्वें क्वें ...
नर्स ने रोते बच्चे को
सद्यःप्रसूता के बगल में लिटा दिया. माँ ने उसे छाती से लगा लिया, बच्चा अमृत
रसपान करने लगा.
“मैं हूँ ना”, माँ ने मुस्कुराते
हुए कहा.
“माँ, मुझे ये चाहिए वो
चाहिए .....”
“ये लो मेरे बच्चे”, माँ ने
कहा.
“माँ मुझे फीस भरनी है, ये
किताब लेनी है....”
“कल तक इंतजाम कर सब देती
हूँ, मेरे बच्चे”, माँ ने कहा.
“मुझे तुम्हारे पापा की
बहुत याद आ रही है”, माँ ने कहा.
“मैं हूँ ना”, बेटे ने कहा.
“बेटा मेरे सीने में बहुत
दर्द है”, माँ ने कहा.
“चलो तुम्हे डॉक्टर के पास
ले चलता हूँ”, बेटे ने कहा.
“माँ थोड़ा पानी तो पी लो...”,
बेटे ने कहा पर माँ के कंठ में गया ही नहीं.
“माफ़ कीजिये हम आप की माँ
को बचा नहीं पाए”, डॉक्टर ने कहा.
“आं-आं ..माँ-माँ, मैं
तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा?”, माँ के मृत देह को सीने लगाये बेटा चीत्कार कर उठा.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें