भोर से पहले
पल्लव अपने मोबाइल पर व्यस्त था कि किसी के द्वारा फॉरवर्ड किए गए एक विडियो ने उसके होश उड़ा दिए। जिसमे एक लड़की किसी होटल के कमरे में शायद , उत्तेजना और अश्लीलता का समीश्रण लिए भाव-भंगिमा का प्रदर्शन कर रही थी। कोई दो मिनट के उस विडियो का वह क्षणांश देख ही विचलित हो उठा बगल के कमरे में उसकी छोटी बहन आज ही किसी होटल में किसी डांस-नृत्य के आयोजन हेतु ऑडिशन देने तत्परता से सुसज्जित हो रही थी।
"क्या हुआ भैया, क्या मैं ठीक नहीं लग रही हूँ ?", पल्लवी ने प्रश्न वाचक निगाहों से ताका।
"पल्लवी, मुझे लगता है कि ऑडिशन देने जाने की जगह अगर तुम अगले हफ्ते से शुरू हो रही अपनी बोर्ड की परीक्षा पर ध्यान दो तो ज्यादा उचित होगा", कुछ क्षण सोचते हुए पल्लव ने कहा।
"भैया इतना अच्छा मौका आया है घर बैठे, सिर्फ कुछ घंटों की ही बात है, कल ही मेरी सहेली उज्जवला ने दिया है "।
"मेरी प्यारी बहना, मैं वादा करता हूँ कि मैं तुम्हे किसी अच्छे संस्थान में नाम लिखवाऊंगा जहां तुम पहले कायदे से नृत्य-नाटिका की शिक्षा ले सको। अपने शौक को सही आकार देते हुए पूरा कर सकों.। पर पहले प्राइमरी शिक्षा पूरी कर लो",
पल्लव ने उसे प्यार से समझाया। क्या बताता कि उसकी ही दोस्त उज्जवला, की कल की तथाकथित ऑडिशन की विडियो किस रूप प्रसारित और प्रचारित हो रही है। कामयाबी की भोर से पूर्व ही वह कालिमा में लिपट चुकी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें